Diary



SHG went to Seema Agarwal. Chhotoo son of Sudha arrived from Haridwar

Sunday, June 12, 2011

bhav-prastuti

बलिदान न सिंह का होते सुना सदा बकरे ही वेदी पे लाये गए
टेढ़े पादप काटे न गए सदा सीधों पे आरे चलाये गए 
विषधारी को दूध पिलाया गया सदा केंचुए ही हल से नसाए गए 
बलधारी का बाल न बांका हुआ सदा दीन  औ दुर्बल सताए गए

Tuesday, February 8, 2011

वह पथ क्या पथिक परीक्षा क्या जिस पथ पर बिखरे फूल न हों 
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या लहरें जिसके प्रतिकूल न हों
  mfskanpur@gmail.com