मैं केवल अपने से हारा
यह मेरा अपनापन है या मेरी अपनी कारा
मैं केवल अपने से हारा.
झुका लिए हैं मैंने पथ पर जितने पर्वत अड़े खड़े थे
मेरे बंदी है धरती पर जितने सागर बड़े बड़े थे
मैं नूतन संसार ढूँढता नित नभ में घूमा करता हूँ
किन्तु बहुत ही छला गया हूँ मैं अपने सपनों के द्वारा ........
मैं केवल अपने से हारा.
मेरे नैन निहारा करते आदर्शों के गौरीशंकर
जिस पर बसते है जीवन के सतत अभीष्ट सत्य शिव सुन्दर
गली गली में देवालय हैं किन्तु देवता कहीं नहीं हैं
आँगन में दीपक जलते हैं मन में किन्तु सघन अंधियारा .........
मैं केवल अपने से हारा.